स्वतन्त्रता आन्दोलन में
इंदिरा गांधी का पूरा नाम इंदिरा प्रियदर्शनी गांधी थी। इनका जन्म 19 नवम्बर, 1917 को इलाहाबाद में हुआ था। इन्होंने ऑक्सफोर्ड के सोमरविल कॉलेज से पढाई की थी। देश सेवा की भावना उनके अंदर बचपन से ही थी। शायद तभी जब आक्सफोर्ड से इंडिया आने पर वह 1941 में भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन में शामिल हुई थीं।
पहली महिला प्रधानमंत्री
इंदिरा गांधी निजी जिंदगी में आगे बढ़ते हुए देश हित में भी अहम भूमिका निभा रही थीं। जहां इंदिरा गांधी ने 1942 में फिरोज गांधी से विवाह रचाया था। इन्हें राजीव गांधी और संजय गांधी के रूप में दो पुत्र प्राप्त हुए थे। वहीं 1966 से 1977 तक वह देश की महिला प्रधानमंत्री बनी। इसके बाद फिर वह 1980 में प्रधानमंत्री बनीं।
बांग्लादेश का उदय
1971 में पाकिस्तान में गृहयुद्ध होने से करीब 10 लाख शरणार्थी भारत की सीमा पार कर आए। इंदिरा गांधी ने पाक को रोकने व इसकी इस चाल को फेल करने के लिए पूरी तैयार कर ली थी। ऐसे में भारत-पाकिस्तान युद्ध शुरू हो गया। जिसमें पाक कमजोर पड़ने लगा तो संयुक्त राष्ट्रसंघ में युद्ध विराम की अपील के लिए गया था। वहीं हिंदुस्तान की सेना ने पाक की सेना को हराकर 16 दिसंबर को भरातीय सेना ढाका पहुंची। इसके बाद यहां पर नये देश बांग्लादेश का उदय हुआ।
भारत परमाणु युग में
इंदिरा गांधी के कार्यकाल में 1974 में पोखरण-1 का परीक्षण हुआ और देश परमाणु युग में दाखिल हुआ था। इतना ही नहीं इनके समय में ही देश में 26 जून 1975 को आपातकाल लगा था। वह हमेशा कहती थीं कि उन मंत्रियों से बचकर रहना चाहिए जो पैसे के बिना कुछ नहीं कर सकते और जो पैसे के लिए कुछ भी कर सकते हैं ।
गोली मारकर हत्या
आयरन लेडी इंदिरा गांधी को सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था। इंदिरा गांधी भले ही पड़ोसी देशों से भारत को सुरक्षित करने में एक्टिव थीं लेकिन वह अपने ही घर पर धोखेबाजी का शिकार हो गई थीं। 31 अक्टूबर 1984 को उनके आवास पर तैनात दो सिक्ख अंगरक्षकों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी।
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